है जिन्दगी चार दीन का अफसाना ,
आज है जीना, कला पडेगा जाना !
गम दिलमें छुपाकर,खुशियाँ लुटाते चलो ,
सबको हसाके चलो, प्यार बाटते चलो... !!!
जो बीत गया वो गुजर गया !
याद करके उन लम्हों को ,
दुखो में जिन्दगी को क्यूँ डुबाओ ?
अपने साथ दुसरोंको भी क्यूँ रुलाओं ?
जो बीत गया कुछ उनसे सीखो ,
दुबारा जिन्दगी में उसको ना दोहराओ !
है जिन्दगी भगवान क़ा अनमोल तोहफा ,
खुशियों से सजाकर सबपर आनंद लुटाओ ... !!
सब को हसाके चलो, प्यार बाटते चलो ... !!!
--- संजय कुलकर्णी.
No comments:
Post a Comment